“मोटा” शब्द सुनते ही जो चित्र मानसिक पटल पर अंकित हो जाता है वह है एक बेडोल शरीर वाला मनुष्य जिसे लोग अक्सर “भुक्खड़” और “आलसी” नाम से पुकारने पर भी नहीं हिचकिचाते। असल में “मोटापा” वह शारीरिक स्थिति है जिसमे एक व्यक्ति के शरीर पर अतिरिक्त शारीरिक वसा (चर्बी) इस सीमा तक एकत्रित हो जाती है की वह उस व्यक्ति के शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डालने लगती है। यह अतिरिक्त चर्बी शरीर में जमा होकर कई तरीके की बिमारियों जैसे ह्रदय रोग,टाइप 2 डायबिटीज,ऑस्टिओआर्थरिटिस इत्यादि को जन्म देती है। मोटापे से ग्रसित व्यक्ति न केवल बेडोल शरीर बल्कि हतोत्साहित मानसिकता के साथ जीवन यापन करता है और ज़्यादातर अपने जीवन से नाखुश रहता है।
विश्व स्तर पर मोटापे का वर्गीकरण :- युवा वर्ग में शारीरिक मोटापा बॉडी मास्स इंडेक्स (BMI) के आधार पर एवं सेंट्रल ओबेसिटी(पेट का मोटापा ) वैस्ट सरकमफेरेन्स (WC) के आधार पर परिभाषित किया जाता है।
BMI = वजन (kg)/ लम्बाई(m)2
WHO के अनुसार (BMI) के आधार पर मोटापे का वर्गीकरण इस प्रकार है :-
BMI मोटापे की ग्रेडिंग
< 18.5 दुबलापन (अंडर वेट)
18.5–24.9 सामान्य वजन
25.0–29.9 ओवर वेट
30.0–34.9 क्लास I ओबेसिटी
35.0–39.9 क्लास II ओबेसिटी
≥ 40.0 क्लास III ओबेसिटी (मॉर्बिड ओबेसिटी)
भारतीय जनसँख्या में मोटापे का वर्गीकरण :- विभिन्न मुल्को में BMI के आधार पर मोटापे के वर्गीकरण पर हुए शोधों से यह बात सामने आई की दक्षिण एशियाई जनसंख्या में यूरोपियन जनसंख्या की तुलना में कम BMI वाले लोगों में भी मोटापा जनित रोगो की अधिकता पायी गई, जिसका कारण है, सामान लिंग, उम्र एवं BMI वाले दक्षिण एशियाई लोगों में यूरोपियन लोगों की अपेक्षा अधिक शारीरिक वसा का होना । इस बात कोध्यान में रखते हुए भारतीय लोगो में सामान्यतः निम्न लिखित तरीके से मोटापे का वर्गीकरण किया जाने लगा है:-
BMI मोटापे की ग्रेडिंग
< 18.5 दुबलापन (अंडर वेट)
18.5–22.9 सामान्य वजन
23.0–24.9 ओवर वेट
>25.0 ओबेसिटी(मोटापा)
वैस्ट सर्कम्फेरेन्स(WC) के आधार पर मोटापे का वर्गीकरण :-
WC > या =94 cm (पुरुषों में )
WC > या =80 कम (महिलाओं में)
मोटापे को परिभाषित करता है।
कुछ शोधों से पता चला है की भारतियों में rs12970134 नामक SNP ( सिंगल नूक्लिओटाइड पोलिमोर्फ़ ) जीन अधिकता में पाया जाता है जो की बढे हुए वैस्ट सर्कम्फेरेन्स का कारण है इस वजह से भारतियों में सेंट्रल ओबेसिटी अधिक देखी जाती है ।
विश्व एवं भारत में मोटापे की व्यापकता:- आंकड़ों की तरफ नज़र करें तो वर्ष 2008 में WHO के अनुसार विश्व के ९.८ प्रतिशत पुरुष एवं १३.८ प्रतिशत महिलाएं मोटापे का शिकार थीं जिनका BMI 30 से अधिक था। 2010 के आंकड़ों के अनुसारउस वर्ष विश्व में लगभग 3-4 मिलियन डेथ्स मोटापे की वजह से हुईं थीं। पिछले 30 वर्षों में विश्व का कोई भी देश मोटापे की इस विकराल समस्या से उबर नहीं पा रहा है ।लैंसेट जर्नल के 2013 के एक अंक में छपे शोध के अनुसार विश्व की लगभग एक तिहाई जनसँख्या या तो ओवर वेट है या मोटापे से ग्रसित है , अमेरिका और चीन के बाद भारत विश्व का तीसरा सबसे ज़्यादा मोटापे से ग्रसित देश है। इस शोध के अनुसार भारत में 30 मिलियन लोग मोटापे से ग्रसित हैं जिसमें की 5% जनसँख्या मॉर्बिड ओबेसिटी अर्थात मृत्यु कारक मोटापे से ग्रसित है और यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।भारत की वर्तमान स्थिति को देखें तो मध्य वर्ग के लोगों में भी मोटापा बहुतायत में देखा जाने लगा है जो पहले उच्च वर्ग में अधिक देखा जाता था। जिसका मुख्य कारण है भारतियों में प्रोक्सेस्सेड फ़ूड के प्रति लगातार बढ़ता हुआ लगाव।
भारतीय बच्चों में बढ़ता मोटापा :-
एशियाई देशों में व भारत में बच्चो एवं किशोरों में मोटापे की बीमारी लगातार बढ़ती जा रही है। आधुनिक तकनीकी उपकरणों, टीवी , मोबाइल, इंटरनेट एवं कंप्यूटर के अधिक उपयोग ने बच्चों एवं किशोरों को आलसी बना दिया है । आजकल बच्चे आउट- डोर खेलों में रूचि कम दिखाते हैं। व्यायाम और कसरत वे सिर्फ सप्ताह में एक दिन स्कूल के PT डे में ही करते हैं। उस पर अत्यधिक मात्रा में जंक फ़ूड जैसे पिज़्ज़ा, बर्गर, पास्ता नूडल्स, चिप्स एवं गरिष्ट फ़ूड जैसे आइस क्रीम्स, केक्स, पेस्ट्रीस इत्यादि के बढ़ते प्रचलन ने बच्चों की खान पान सम्बन्धी आदतों को बिगाड़ रखा है और बच्चों में मोटापे जैसी गंभीर बीमारी को जन्म दिया है। ग्लोबल फ़ूड मार्केटिंग के तहत विज्ञापन में जब कोई फ़िल्मी कलाकार अपनी तूफानी अदाओं का ज़िम्मेदार किसी कोल्ड ड्रिंक को बताता है तो बच्चे भी उस कोल्ड ड्रिंक को पी कर खुद को उस फिल्म स्टार की तरह तूफानी समझने लगते हैं । बच्चों में बढ़ता मोटापा एक और भयावह स्थिति को जन्म देता है वह है टाइप २ डाईबेटिस, जैसे पहलों केवल वयस्कों का ही रोग मन जाता था अब किशोरवय बच्चों एवं युवाओं में भी यह बीमारी बहुतायत से देखि जा रही है।
मोटापे के कारण :-
1. अनुवांशिकता:- अक्सर यह देखा जाता है की अगर माता पिता मोटापे से ग्रसित हैं तो बच्चे भी मोटे होते हैं ।
2. परिवेश :- जैसा की पहले बताया गया है की भारतियों में rs12970134 नामक SNP ( सिंगल नूक्लिओटाइड पोलिमोर्फ़ ) जीन की वजह से सेंट्रल ओबेसिटी अधिक पायी जाती है।
3. ख़राब दिन चर्या एवं शारीरिक निष्क्रियता:-आजकल लोग शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं होते है और खासकर बच्चे अब बाहर खेलने-कूदने के बजाय कंप्यूटर, मोबाइल और वीडियो गेम खेलना अधिक पसंद करते हैं। सिर्फ बच्चे ही नहीं,मल्टीनेशनल IT कंपनी में बैंकों में, कॉल सेंटर्स में काम वाले युवा भी आज निष्क्रिय एवं अनियमित जीवनशैली जी रहे हैं, जिससे मोटापे जैसी समस्या हो रही है।
4. व्यायाम ना करना:– पैसे कमाने की होड़ एवं कम्पीटीशन के चलते लोगों के पास भागदौड़ की जिंदगी में इतना समय नहीं बचता कि वे व्यायाम करें, लोग व्यायाम जैसी चीजों को बहुत हल्के में लेते हैं। नतीजन मोटापा बढ़ता रहता है।
5.एक ही जगह बैठे रहना:-आजकल सब काम कम्पुटराइस्ड होने से लोगों का काम सिर्फ एक ही जगह बैठकर करने का होता है, नतीजन लोग घूमना-फिरना बिल्कुल नहीं कर पाते और ऐसे में भूख भी बहुत लगती हैं। ये स्थिति मोटापे की बहुत बड़ी कारक है।
6.खान पान सम्बन्ध गलत आदते:-
- जंकफूड का सेवन: आजकल लोग घर के स्वादिष्ट व्यंजन और पौष्टिक खाना खाने के बजाय जंकफूड खाना पसंद करते हैं जो कि मोटापे के प्रमुख कारणों में से एक हैं इस से ना सिर्फ मोटापा बढ़ता है बल्कि कई बीमारियां होने का खतरा भी रहता है।
- डायटिंग के नाम पर .BMR (बेसल मेटाबोलिक रेट) अर्थात चयापचय की दर को घटाना: कुछ लोग फिट होने के लिए डायटिंग जैसी आदतों को अपनाते हैं, नतीजन वे डायटिंग के नाम पर कहना पीना छोड़ कर BMR (बेसल मेटाबोलिक रेट) अर्थात चयापचय की दर को जिससे उनका मोटापा कम होने के बजाय बढ़ जाता है ।
- भूख से अधिक खाना: कुछ लोगों को हर समय खाने की आदत होती है फिर चाहे उन्होंने थोड़ी देर पहले ही खाना क्यों ना खाया हो। ऐसे में हर समय खाने की आदत भी मोटापे का कारण बनती हैं।
- अधिक तेल वाला गरिष्ठ भोजन खाना।
- मीठा एवं कोल्ड ड्रिंक्स का अधिक सेवन ।
- अनियमित समय पर भोजन करना ।
- मॉस मदिरा का अधिक सेवन करना ।
7. तनाव:-कई बार लोग जरूरत से ज्यादा तनाव ले लेते हैं। तनाव, डिप्रेशन और अवसाद जैसी स्थिति में भूख ज़्यादा लगती है एवं बमर काम हो जाता है । यह स्थिति मोटापे को जन्म देती हैं।
8. दवाईयों के कारण:-किसी बीमारी के चलते लंबे समय तक दवाईयों का सेवन भी मोटापे का कारण बन सकता है। दरअसलकुछ दवाइयाँ जैसे एंटी डिप्रेसेंट दवाओं तथा हॉर्मोन्स का साइड-इफेक्ट भी मोटापे के कारणों में से एक हैं।
9.ग्लोबल फ़ूड मार्किट तथा रेडी टू ईट भोज्य पदार्थों एवं प्रोसेस्ड फ़ूड का बढ़ता प्रचलन ।
10. कुछ बीमारियों जैसे पाली सिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (PCOS) एवं हाइपोथाइरॉइडिस्म एवं डिप्रेशन (अवसाद) तथा कुछ मानसिक रोगों के कारण भी मोटापा देखा जाता है I
11. लिंग :- जेनेटिक तौर पर यह देखा गया है की औरतों में फैट मास्स (चर्बी) अधिक होता है एवं पुरुषों में मसल मास्स(मांसपेशियां) अधिक होता है इस वजह से औरतों का BMR पुरुषों की तुलना में कम होता है एवं वे मोटापे से अधिक ग्रसित होती हैं।
मोटापे से जुडी समस्याएं एवं रोग :- मोटापा नमक भयावह रोग अनेक प्रकार की शारीरिक एवं मानसिक समस्याओं एवं बिमारियों को जन्म देता है जो इस प्रकार हैं
१. जोड़ों एवं हड्डियों में दर्द:- अत्यधिक भार वहन करने की वजह से मोटे लोगों में अक्सर ऑस्टिओआर्थरिटिस की शिकायत देखी जाती है, हड्डियों की डेफॉर्मिटी एवं फ्रातुरे भी मोटे लोगों में आम बात है ।
२.ब्लड प्रेशर बढ़ना
३.टाइप-२ डाईबेटिस :-पेट की चर्बी का इंसुलिन रेसिस्टेंस से गहरा नाता है। मोटे लोगों में अक्सर टाइप-२ डाईबेटिस होने का खतरा बना रहता है।
४. स्लीप एपनिया (नींद में सांस कुछ समय की लिए रुक जाना )
५. हार्मोनल सम्बन्धी अनियमितताएं ।
६. नपुंसकता :- कुछ स्त्रियों में मोटापे की वजह से गर्भ धारण करने तथा बच्चे को जन्म देने में मुश्किल होती है एवं मोटापे की वजह से कुछ पुरुषों में सेक्स सम्बन्धी समस्याएं होने से नपुंसकता देखी जाती है ।
७.पित्त की थैली में पथरी।
८. ह्रदय रोग
९. उपरोक्त बीमारियों की अलावा मोटे व्यक्तियों को थोड़ा चलने पर थकान, सांस फूलना, कमर की हद्दी में दर्द, जैसी तकलीफ का भी सम्ंबा करना पड़ता है ।
१०.मोटे व्यक्ति अक्सर हीन भावना से ग्रसित होकर अपने शरीर से नफरत करने लगते हैं , समाज से कटे कटे से रहते हैं , एकांन्त में रहना पसंद करते हैं एवं कुछ विशेष परिस्थितियों में अवसाद से ग्रसित होकर आत्महत्या तक करने से नहीं हिचकते हैं ।
मोटापे का प्रबंधन :-
मोटापा एक लाइफस्टाइल डिसऑर्डर है एवं अगर इसकी उत्पत्ति का कारण अनुवांशिक नहीं तो खान पान एवं व्यायाम से इससे है पूर्ण रूपेण निजात पायी जा सकती है
भोजन सम्बन्धी आदतों में निम्नलिखत परिवर्तन करके मोटापे को काम किया जा सकता है :-
१. BMR बढाने की लिए थोड़ा- थोड़ा ३ घंटे के अंतराल में खाएं ।
२. खाने में सलाद एवं फल के प्रयोग करें इनमे उपस्थित रेशा वजन घटाने में मदत करता है ।
३. अधिक वसा वाले गरिष्ट भोजन का त्याग करें ।
४.जंक फ़ूड का त्याग करें ।
५.दालें एवं मोटा अनाज जैसे जोआर, बाजरा, मक्का,इत्यादि के सेवन करें। ये आपको प्रोटीन, विटामिन्स, मिनरल्स के साथ साथ रेशा भी देते हैं तथा इनको खाने से अधिक समय तक पेट भरे रहने का एहसास भी होता है। ये मेटाबोलिज्म को तेज़ करके मोटापा कम करते हैं ।
६. भोजन पकाने में मलाई, माखन, घी, तेल का उपयोग कम करें।
७.ग्रिल्ड एवं बेक्ड फ़ूड का खाएं इसको पकाने में वसा का उपयोग काम होता हैं ।
८ भोजन को ढक कर, दम पर या प्रेशर कूकर में या नॉन- स्टिकी बर्तनो में पकाएं जिससे तेल काम उपयोग हो।
९. बीच बीच में लगती छोटी भूक में नमकीन बिस्कुट चिप्स की बजाय रोस्टेड चना , प्लेन पॉपकॉर्न्स , भुट्टा खाएं ।
१०. कोल्ड ड्रिंक्स शरबत मीठी लस्सी फ्रूट जूस की बजाय मठा, नमकीन नीबू पानी, चना सत्तू, सब्जियों का रास एवं क्लियर सूप पियें।
११. निम्न लिखित फंक्शनल फूड्स का अपने भोजन में समावेश करें:-
-अदरक, लहसुन, दालचीनी, हल्दी व लौंग:- अदरक व अजवाइन के साथ उबला हुआ पानी पीने से औषधीय गुणों के कारण शरीर में सूजन भी कम होती है एवं मोटापे को कम करने में भी मदत मिलती है।कुछ शोध के अनुसार अदरक में उन एन्जाइम्स को बढ़ाने का गुण है जो जो लिवर को खून साफ़ करने में सहायता करते हैं और पाचन ठीक करते हैं।
-हरी चाय:-ये एक शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट है और इस में मजबूत एंटीवायरल और जीवाणुरोधी गुण हैं। हरी चाय के एक दिन में लगभग दो से तीन कप पीने से वजन घटाने में मदत मिलती है ।
दही:- एक महत्वपूर्ण प्रोबायोटिक है जो आमाशय के डाइजेशन की शक्ति को सुधारती है साथ ही प्रोटीन से भरपूर दही एवं इससे बने मठे के सेवन करने से वजन भी घटता है ।
नोट:- अस्थमा के कुछ मरीज़ों मेंठण्ड के मौसम में दही लेने से नुक्सान होने के लक्षण सामने आते हैं अतः वे दही का प्रयोग चिकित्सक एवं आहार विशेषज्ञ के परामर्श से ही करें ।
शहद पर हुए अनेक शोधों से पता चलता है क़ि एंटी ऑक्सीडेंट्स व एन्जाइम्स से भरपूर यह गुणकारी रस अगर उचित मात्रा में (१ चम्मच ) कुनकुने पानी के साथ लिया जाये तो मोटापे को कम करता है ।
नोट :- डायबिटिक रोगी शहद का सेवन न करें ।
अपनी आहार विशेषज्ञा की मदत से उम्र, ऊंचाई, लिंग, शारीरिक श्रम के आधार पर उपयुक्त कैलोरीज युक्त डाइट चार्ट तैयार करवा लें जो आपको वजन कम करने में मदत करेगा साथ ही आपका भोजन संपूर्ण पोषक तत्वों से भी परिपूर्ण होगा ।
व्यायाम :–
सुबह शाम १५ मिनिट वाक करें या साइकिलिंग करें इससे BMR बढ़ता है एवं वजन कम होता है। उसके तुरंत बाद दोनों समय योग करे या वजन उठाने वाले व्यायाम करें इससे मासपेशियों का विकास होगा एवं चर्बी घटेगी । आप चाहें तो कोई खेल जैसे बैडमिंटन बॉलीबाल , फुटबॉल खेल सकते हैं या स्विमिंग भी कर सकते है इन सबसे भी मोटापा काम करने में मदत मिलेगी ।
प्राणायाम एवं मैडिटेशन भी व्यक्ति को रिलेक्स करते हैं एवं हार्मोनल इम्बैलेंस को ठीक करके अवसाद से बाहर निकलते हैं, इस तरह वजन घटाने में सहायक होते हैं ।
भोजन एवं व्यायाम के साथ-साथ एक मोटे व्यक्ति को साइकोलॉजिकल काउंसलिंग की भी आवश्यकता होती है जिससे उसका उत्साह वर्धन होता है ताकि वह जिस स्वस्थ्य वर्धक दिन चर्या की और चल पड़ा है उसे बीच में न छोड़ दे एवं अपने लक्ष्य (आइडियल बॉडी वेट) तक आसानी से बिना हतोत्साहित हुए पहुँच सके ।
Well Compiled . Keep going👌👌👍👍
Very nice kamna
Well explained
Well explained each n every aspect of obesity.
I am sure this article has touched all the internet users, its really really good paragraph on building up new weblog. Lidia Jeff Bulley
Thanks a lot for the article. Much thanks again. Much obliged. Danya Claus Israel
Its not my first time to go to see this site, i am browsing this web page dailly and obtain pleasant information from here daily. Kellen Gardener Eastman
Simply wanna input that you have a very nice internet site , I the style it really stands out. Hali Kingsley Bettencourt
Awesome blog! Do you have any hints for aspiring writers? Gwenny Shepherd Burtie
I pay a visit daily some websites and blogs to read articles or reviews, but this weblog gives feature based writing. Frances Fidole Cerell
Very good write-up. I definitely love this website. Keep writing!| Analise Farleigh Valentino
Way cool! Some extremely valid points! I appreciate you penning this write-up plus the rest of the website is extremely good. Rhea Eal Kone
fantastic points altogether, you just received a logo new reader. What may you suggest about your put up that you just made a few days in the past? Any positive?| Nell Ashbey Won
I think this is among the most important info for me. And i am glad reading your article. But wanna remark on some general things, The site style is perfect, the articles is really excellent : D. Good job, cheers Kerrill Immanuel Milissent
Awesome write-up. I am a regular visitor of your web site and appreciate you taking the time to maintain the nice site. I will be a frequent visitor for a really long time. Nananne Rutger Dario
I truly appreciate this post. I have been looking everywhere for this! Thank goodness I found it on Bing. You have made my day! Thanks again! Perrine Meredith Triley
Hello my friend! I wish to say that this article is awesome, nice written and include almost all vital infos. I would like to see more posts like this. Regan Palmer Gabby
Hello! Would you mind if I share your blog with my myspace group? Flory Parrnell Joao
You can share blog link
Your means of describing the whole thing in this article is in fact fastidious, all be capable of effortlessly know it, Thanks a lot. Ebonee Welby Phare
Hi my loved one!
I want to say that this article is amazing, great written and come with almost all significant infos.
I would like to see extra
posts like this .
Thanks for your blog, nice to read. Do not stop.